ST. XAVIER'S COLLEGE, RANCHI

(Intermediate Section)

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प्रियजनों,

अभिवादन !

शिक्षा, मानव की मूलभूत आवश्यकता एवं अधिकार है, जिसमें एक व्यक्ति शांतिपूर्ण मानव समाज के निर्माण हेतु प्रयत्नशील रहता है। शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में आयी गिरावट एक शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और सर्जनात्मक समाज के पतन का सूचक है। आज औपचारिक शिक्षण को ऑनलाइन व्याख्यानों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है, जो अव्यवहारिक है। कुछ महानुभवों ने छात्र और शिक्षक वर्ग के लिए शिक्षा एवं शिक्षण के कार्यों को यथोचित साधनों की अनुप्लब्धता के कारण अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। भारत में गैजेट्स की अप्रभाविता एवं दुर्गमता के कारण यह स्थिति चिन्ताजनक है।

कोविद-19 महामारी ने वर्तमान शिक्षण प्रणाली में व्यावधान उत्पन्न कर दिया है, जिससे पूरे विश्व के शिक्षार्थी प्रभावित हैं। निर्धन इसके शिकार हैं। इसके एवज में दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षार्थियों को दूरस्थ रूप में पढ़ाने और शिक्षा पर इसके बुरे प्रभाव को कम करने में शिक्षकों के लिए सहायक साबित हुई है। हमें यह डर है कि हमारे हितैषियों के द्वारा सही विकल्प का चयन संभव हो। वे घर पर छात्रों और बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए तत्पर हैं, परन्तु बच्चे एवं युवा वर्ग, शैक्षणिक विकास के अवसरों से वंचित रहे हैं। निःसन्देह, निम्न तबके के लोगों के लिए यह खतरनाक हो सकता है।

मैं उन शिक्षकों का शुक्रगुजार हूँ जिन्होंने डिजिटल माध्यमों का सहारा लिया है। हम डिजिटल लर्निंग मैनेजमेन्ट सिस्टम जैसे- जूम, क्लाउड, व्वाट्सएप, यू-टयूब, गूगल, क्लास रूम और वेब हब आदि माध्यमों का उपयोग कर रहे हैं। हमें एजुकेशनल हब, वेबसाइट एवं वेब पेज के माध्यम से शैक्षणिक कार्यों को जारी रखने की आवश्यकता है।

शैक्षणिक संस्थान आवश्यक शिक्षण सामग्री प्रदान करता है। लॉकडाऊन के दौर में छात्र सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। शिक्षक अपने दायित्व को निभाने के लिए तत्पर हैं, किन्तु वे विद्यार्थियों से दूर होते जा रहे हैं। कई परिस्थितियों में डिस्टेंट लर्निंग के विविध माध्यम नाकाम साबित हुए हैं। इसके मद्देनजर हमने X-m वेब एप्लिकेशन लॉन्च किया है, जिससे छात्रों को किसी भी समय और किसी भी जगह से मॉक टेस्ट की सुविधा प्राप्त हुई है। यह निश्चित रूप से शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़े शिक्षार्थियों के लिए एक प्रोत्साहन है। कॉलेज, छात्रों को औपचारिक परीक्षा से वंचित नहीं करेगा क्योंकि कॉलेज भी औपचारिक परीक्षा आयोजित करता रहेगा। मुझे यकीन है कि यह शिक्षार्थियों के लिए मददगार साबित होगी। मेरी उम्मीद है कि सभी छात्र इस सुविधा का आनन्द लेते हुए दिन-प्रतिदिन अपने ज्ञान को समृद्ध करें।

ईश्वर आप सबों को आशीर्वाद प्रदान करे।

हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

फादर अजय अनिल तिर्की एस० जे०,
प्रधानाध्यापक,
संत जेवियर्स कालेज, इंटरमीडिएट सेक्सन, राँची।